दोस्तो! यह एक प्यार भरी मेरे जीवन की एक सच्ची दास्ताँ है, जिसने मुझे एक ऐसा शक्स दिया, जिसके लिये मैं कुछ भी करने को तैयार था. जो मेरे दिल की गहराईयों तक गयी, जिसके लिये मैं किसी और की तरफ भी नहीं देखता था!
मैं एक लड़की से बहुत प्यार करता हूं। वह उसी कॉलेज की स्टूडेंट थी , जहां मेरे पापा पढ़ाते थे। यूं तो मैंने उसे कई बार देखा था , लेकिन एक बार वह मेरे सपनों में आकर कुछ ऐसी यादें दे गई कि आज भी मैं उसी सपने में जीना चाहता हूं। लेकिन मैंने इस बात पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया , क्योंकि मुझे ये इश्क-विश्क की बातें बड़ी ही अजीब लगती हैं। मैंने यह कभी नहीं सोचा कि आनेवाले दिनों में मैं उसेइतना चाहूंगा कि मेरा दिल और दिमाग , हर पल बस उसी की यादों में कैद रहेगा।
कुछ दिनों बाद उसी कॉलेज का एक ग्रुप , विज़िट के लिए गया। मेरे कुछ दोस्त भी उसी क्लास में पढ़ते थे , जो मुझे भी साथ लेकर गए। पहले तो मैंने बहुत मना किया , लेकिन जैसे ही मुझे पता चला कि वह भी वहां आ रही है तो मैं तुरंत तैयार हो गया।
उन आने वाले दिनों ने मेरी सारी ज़िन्दगी बदल कर रख दी। हम दोनों पूरे टूर में साथ-साथ रहे और बहुत मौज-मौस्ती भी की , जिसे वह आज भी नहीं भुला पाई है। उसके बाद मैंने उससे कई बार फोन पर बात करने की कोशिश की। कुछ ही दिनों बाद ' वैलंटाइंस डे आया। मैं इस मौके को गंवाना नहीं चाहता था , क्योंकि मैंने अपने कई दोस्तों को तड़पते देखा है। वे अक्सर यही कहा करते थे कि काश मैं भी कभी कह पाता। लेकिन मैं कभी ' काश ' नहीं कहना चाहता था। इसलिए मैंने उससे अपने प्यार का इज़हार कर दिया। लेकिन तबतक शायद बहुत देर हो चुकी थी। मुझे पता चला कि वह किसी और को चाहती थी और वह लड़का भी उससे बहुत प्यार करता था। मैंने उसके लिए कॉलेज में एक गाना भी गाया था , जिसे मैं आजतक नहीं भूल पाया हूं।
वह मुझसे एक साल बड़ी थी , लेकिन मैंने ऐसी किसी भी बात पर ध्यान नहीं दिया। क्योंकि , मैं उसके प्यार में इस कदर डूब गया था कि मुझे सिर्फ और सिर्फ खुशी की ही तलाश थी। 2018 को मैं कभी नहीं भूल सकता , क्योंकि यह साल मेरी ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत साल बन गया। कई बार सोचता हूं कि उसका मेरे सपनों में आना और मुझे इस तरह से देखना...उसका मुझे कुछ ना कहकर बहुत कुछ कह जाना...ये सबकुछ संयोग नहीं हो सकता।बात जनवरी 2017 की है। राज और मेरी मुलाकात बस में हुई थी। सिर्फ 11 दिनों तक रोज़ साथ सफर किया , लेकिन प्यार के लिए वे 11 दिन ही काफी थे। उसने जॉब छोड़ दिया और हमारा मिलना केवल पांच मिनट ही हो पाता था। लेकिन मोबाइल काम आया और हम एक-दूसरे के टच में रहे।
बाद में मैंने अपनी मम्मी को भी बता दिया और हमारे रिश्ते के लिए वह राज़ी भी हो गईं। लेकिन शायद हमारे नसीब में ही कुछ और था। मुझे ब्रेन ट्यूमर का अटैक पड़ा और उसने कभी मुड़कर नहीं देखा। 14 फरवरी 2016 को मैं उससे आखिरी बार मिला था और वह भी सिर्फ पांच मिनट के लिए।
मैंने उसे मम्मी की दी हुई चूड़ियां दी , पर उसके बाद ही उसने मुझे छोड़ दिया। वह फिलहाल आगरा में रहकर पढ़ाई कर रही है और मैं यहां दिल्ली में हूं। राज के लिए मैंने अपना घर तक छोड़ दिया , पर सच ही कहा है किसी ने कि सच्चा प्यार नसीबवालों को मिलता है। मैं दुआ करता हूं कि खुदा मुझे उससे सिर्फ एक बार मिला दे।
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Written By –✍ @Anoop-Poonam❤️😘
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